*एक छोटी सी कहानी**
एक बाग में एक फूल पर एक भँवरा और एक तितली दोनों एक साथ बैठते थे।
कुछ समय बाद वो दोनों एक दूसरे से मोहब्बत करने लगे।
वक्त के साथ उनकी मोहब्बत इतनी गहरी हो गई की
अगर उनमें से एक को दूसरा दिखाई नहीं देता तो
पहला बेचैन होने लगता था!
एक दिन तितली ने भँवरे से कहा कि वह उससे जितना प्यार करती है
भँवरा उस से उतना प्यार नहीं करता।
इस बात को लेकर दोनों में शर्त लग गयी
कि जो ज्यादा प्यार करता है
वह कल सुबह इस फूल पर पहले आकर बैठेगा।
शाम को इस शर्त के साथ दोनो अपने अपने घर चले गए।
जबरदस्त ठण्ड होने के बावजूद भी अगले
दिन सुबह जल्दी ही तितली फूल पर आकर बैठ गई।
लेकिन भंवरा अभी तक नहीं आया था।
तितली बहुत खुश थी क्योंकि वह शर्त जीत चुकी थी।
कुछ देर बाद जैसे ही धूप से फूल खिला।
तो तितली ने देखा कि भंवरा फूल के अन्दर मरा पड़ा है।
(क्योंकि की वह शाम को घर गया ही नहीं था और रात को ठण्ड से मर गया)
दिल में रखने वालों का दिल दुखाया नहीं करते।
चाहने वालों को भूल से भी रूलाया नहीं करते।
इश्क वो जज्बा है जिसमें इश्क करने वाले हदें तोड दिया करते हैं।
सच्ची मोहब्बत किसी की आजमाया नहीं करते।...
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